वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली पर हिंदी में निबंध
प्रस्तावना -: भारतवर्ष संसार में दूसरा विशालतम देश है यहाँ पर सत्तर प्रतिशत से अधिक लोग गाँव में निवश करते है |जहा अभी भी बहुत से स्त्री -पुरुष तथा बच्चे लिखना पढ़ना नहीं जानते है |सबसे दुर्भाग्य बात यह है | की प्रौढ़ शिक्षा का कार्यक्रम अभी तक एक सपना बना हुआ है |वास्तव में यह अत्यधिक दुखद अवस्था है |
शिक्षा प्रणाली -:भारतवर्ष की शिक्षा प्रणाली अंग्रेजो के शासन कल में एक अंग्रेज शिक्षा शास्त्री , लार्ड मैकाले ने आरंभ की थी | ऐसा करने में उसका एक मात्र उद्देश्य यही था | की अग्रेज शासक वर्ग को भारतवर्ष में शफल शासन शंचालन हेतु अंग्रेजी जानने वाले लिपिकों की एक फौज मी सके |वाही शिक्षा प्रणाली ,बिना किसी महत्त्व पूर्ण परिवर्तन एवं सुधर के आज तक चली आ रही है | अनेक कमियों तथा दोसो के कारण वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली हमारे सामाजिक आवश्यकताओ के अनुरूप नहीं है |
इसकी हानिया -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली के दोषों तथा हानियो का वर्णन अर्गालिखित पंक्तियों में किया जा रहा है |
क
सर्वप्रथम -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली पूर्णरूप से दोषपूर्ण है क्योकि यह पूर्णरूप से सैध्दातिक ही है न तो यह व्यवहारिक हैर और न ही तकनीकी | तकनिकी शिक्षा के स्कूलों तथा कालेजो की संख्या मांग अथवा आवश्यकता से कम है
तीसरे -: इस प्रकार की शिक्षा से क्षात्र श्रमके महत्त्व पाठ नहीं सिख पते है | वे केवल फैसन करने में रूचिते है |
अंतिम -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत प्रोर्ण शिक्षा की पूर्ण अपेक्षा की जाती है जबकि हमारे देश वाशियों को इसकी अपार आवश्यकता है |
सुधार हेतु कुछ सुधार -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली के सुधार हेतु निम्नलिखित पंक्तियों में कुछ महत्त्व पूर्णझाव दिए जा रहे है
सर्वप्रथम -: वर्त्तमान का विभाजन तिन भागो में किया जाना चाहिए ,प्रायमरी माध्यमिक तथा विश्वविद्दयायालो की शिक्षा | प्रायमरी शिक्षा समस्त स्लूल जाने के योग्य छोटे बच्चो के लिए अनिवार्य की जाना चाहिए | माध्यमिक शिक्षा के व्यावसायिक तथा साहित्य ,दोनों ही रूप में रखे जाने चाहिए विस्वविद्दालयो में केवल प्रतिभासाली तथा बुध्दिमान क्षात्रो को ही शिक्षा प्रदान की जाना चाहिए |
तीसरे -: छात्रो को श्रम के महत्त्व की भी शिक्षा एवं प्रशिक्षण इस प्रकार से किया जाना चाहिए की भावी जीवन में वे अपने खेतो ,फार्मो तथा फैक्ट्रियों में सफलता पूर्वक कार्य कर सकें|
चौथे -: छात्रों के चरित्र निर्माण तथा आदर्श व्यवहार के विकास के लिए नैतिक शिक्षा अनिवार्य रूप से प्रदान की जानी चाहिए हमारे देश में आज काली परम परम आवश्यकता है|
अंत में -: अंत में भारत और से 1 ग्राम प्रधान देश है जहां पर रात्रि पाठशाला में गांव के किसानों श्रमिकों तथा अन्य लोगों को प्रौढ़ शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए |
शिक्षा प्रणाली -:भारतवर्ष की शिक्षा प्रणाली अंग्रेजो के शासन कल में एक अंग्रेज शिक्षा शास्त्री , लार्ड मैकाले ने आरंभ की थी | ऐसा करने में उसका एक मात्र उद्देश्य यही था | की अग्रेज शासक वर्ग को भारतवर्ष में शफल शासन शंचालन हेतु अंग्रेजी जानने वाले लिपिकों की एक फौज मी सके |वाही शिक्षा प्रणाली ,बिना किसी महत्त्व पूर्ण परिवर्तन एवं सुधर के आज तक चली आ रही है | अनेक कमियों तथा दोसो के कारण वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली हमारे सामाजिक आवश्यकताओ के अनुरूप नहीं है |
वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली पर हिंदी में निबंध
इसके लाभ -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली के कुछ लाभ भी है | वह समय के परिक्षण पज्र खरी उअतरी है | क्योकि यह छात्रो में शिखने की अनुपम कला की विकाश करती है | आज के कंम्पूटर तथा प्रगति के युग में असंख्य तथ्यों एवं आकड़ो जानकारी रखने तथा रहने में यह शिक्षा प्रणाली अत्यधिक सफल शिध्द हुई है | इस प्रकार सिखने तथा विचार शीलता के गुड़ो का आपार विकास हुआ है | यह शिक्षा प्रणाली प्रायमरी शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यवहारिक रूप से अधिक सहायक शिध्द हुई |क्योकि भारत के ग्रामीण क्षेत्र को इसकी अधिक आवश्यकता है |इसकी हानिया -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली के दोषों तथा हानियो का वर्णन अर्गालिखित पंक्तियों में किया जा रहा है |
क
सर्वप्रथम -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली पूर्णरूप से दोषपूर्ण है क्योकि यह पूर्णरूप से सैध्दातिक ही है न तो यह व्यवहारिक हैर और न ही तकनीकी | तकनिकी शिक्षा के स्कूलों तथा कालेजो की संख्या मांग अथवा आवश्यकता से कम है
वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली पर हिंदी में निबंध
दुसरे -: यह शिक्षा प्रणाली इसलिए भी दोषपूर्ण एवं अपूर्ण है कीएके व्दारा छात्रो को ऐसी व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षा नहीं दी जाती है जिससे वे अपनी भावी जीवन में अपनी जीवका कमाने की कला सिख सके |इसके परिणामस्वरूप भविष्य में उनको बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है |तीसरे -: इस प्रकार की शिक्षा से क्षात्र श्रमके महत्त्व पाठ नहीं सिख पते है | वे केवल फैसन करने में रूचिते है |
अंतिम -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत प्रोर्ण शिक्षा की पूर्ण अपेक्षा की जाती है जबकि हमारे देश वाशियों को इसकी अपार आवश्यकता है |
सुधार हेतु कुछ सुधार -: वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली के सुधार हेतु निम्नलिखित पंक्तियों में कुछ महत्त्व पूर्णझाव दिए जा रहे है
सर्वप्रथम -: वर्त्तमान का विभाजन तिन भागो में किया जाना चाहिए ,प्रायमरी माध्यमिक तथा विश्वविद्दयायालो की शिक्षा | प्रायमरी शिक्षा समस्त स्लूल जाने के योग्य छोटे बच्चो के लिए अनिवार्य की जाना चाहिए | माध्यमिक शिक्षा के व्यावसायिक तथा साहित्य ,दोनों ही रूप में रखे जाने चाहिए विस्वविद्दालयो में केवल प्रतिभासाली तथा बुध्दिमान क्षात्रो को ही शिक्षा प्रदान की जाना चाहिए |
वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली पर हिंदी में निबंध
दुसरे -: व्यावसायिक शिक्षा क्षात्रो को इस प्रकार से प्रदान की जाना चाहिए कि वे भविष्य में अपने जीविका कमाने की उपयोगी कला सिख सके |तीसरे -: छात्रो को श्रम के महत्त्व की भी शिक्षा एवं प्रशिक्षण इस प्रकार से किया जाना चाहिए की भावी जीवन में वे अपने खेतो ,फार्मो तथा फैक्ट्रियों में सफलता पूर्वक कार्य कर सकें|
चौथे -: छात्रों के चरित्र निर्माण तथा आदर्श व्यवहार के विकास के लिए नैतिक शिक्षा अनिवार्य रूप से प्रदान की जानी चाहिए हमारे देश में आज काली परम परम आवश्यकता है|
अंत में -: अंत में भारत और से 1 ग्राम प्रधान देश है जहां पर रात्रि पाठशाला में गांव के किसानों श्रमिकों तथा अन्य लोगों को प्रौढ़ शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए |
वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली पर हिंदी में निबंध
उपसंहार -: यद्यपि उत्तम एवं उपयोगी शिक्षा के क्षेत्र में हम वास्तव में पिछड़े हुए हैं फिर भी सुधार प्रक्रिया प्रगति के पथ पर अग्रसर है हमारे देश की 4 दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है 73 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गई है तकनीकी एवं व्यवसाय की स्कूलों और कॉलेजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है फिर भी और अधिक प्रगति किया जाना वांछनीय शिक्षा प्रणाली सामाजिक तथा राष्ट्रीय संस्थाओं के अनुरूप की जानी चाहिए प्रौढ़ शिक्षा का देश के ग्रामीण क्षेत्र में अधिकाधिक प्रसार करना आवश्यक है उसी अवस्था में स्वतंत्रता प्रगतिशील भारत का सपना पूरा हो सकेगा कुल मिलाकर हमारी शिक्षा प्रणाली अधिक से अधिक तकनीकी प्रदान होनी चाहिए जिससे कि सभी पढे सभी लिखे युवाओं को रोजगार का अवसर मिले|अंतिम शब्द -:
तो दोस्तों जैसा कि हमने आप को बताया वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर निबंध कैसे लिखते हैं आशा करते हैं या निबंध आपको अच्छा लगा होगा यदि आपको किसी और विषय पर निबंध चाहिए तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं हम आप के लिए उस विषय पर जल्द से जल्द निबंध दिलाने की कोशिश करेंगे आप हिंदी में निबंध पर आते रहे|
Post Comment
No comments